एक मानवाधिकार संगठन ने सऊदी अरब में बिन सलमान के कथित सुधारों पर सऊदी अरब के अधिकारियों और इस देश की माडिया की तरफ़ से बोले गए झूठों पर रिपोर्ट जारी की है।
एक मानवाधिकार संगठन ने सऊदी अरब में बढ़ते उत्पीड़न और अत्याचार के संदर्भ में, सऊदी अरब में मानवाधिकार के क्षेत्र में बिन सलमान के कथित सुधारों के बारे में सऊदी अधिकारियों के झूठ और प्रोपेगंडे का खुलासा किया है।
सऊदी अरब द्वारा इस देश के क्राउन प्रिंस बिन सलमान के कथित सुधारों का ढिंडोरा संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 55वें सत्र में भी पीटा गया। जब सऊदी अरब के प्रतिनिधि द्वारा 26 फरवरी, 2024 को जिनेवा में बिन सलमान के कथित सुधारों और इस देश में मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर सऊदी अरब के बार-बार आधिकारिक दावे शामिल थे।
बिन सलमान के कथित सुधारों पर बोलते हुए सऊदी अरब के विदेश मंत्री “फैसल बिन फरहान” ने इस बैठक में दावा किया कि उनका देश मानवाधिकार के क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र तंत्र पर विशेष ध्यान देता है। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब की सरकार वर्तमान में मानवाधिकार की स्थिति में सुधार लाने और समाज एवं लोगों को सुधार के लिए कार्य पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं।
बिन सलमान के कथित सुधारों की कहानी और देश में मौत की सज़ा
इस संबंध में, यूरोपीय सऊदी मानवाधिकार संगठन ने इस बात पर जोर दिया कि सऊदी अरब के विदेश मंत्री इस देश में रहने और आजीविका की स्थिति में सुधार की बात कर रहे हैं, जबकि सऊदी अरब में मौत की सजा अभी भी हजारों लोगों को जीवन से वंचित कर रही है। और इस देश में राजनीतिक स्वतंत्रता अब भी एक सपना है और बिन सलमान के कथित सुधारों का बखान करने वाले अब भी लोगों का दमन जारी रखे हुए हैं।
2015 के बाद से, सऊदी अरब ने लगभग 1,300 सऊदी नागरिकों को फर्जी आरोपों और निष्पक्ष सुनवाई का मौका दिए बिना मौत की सज़ा दी है।
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एक महत्वपूर्ण बात यह है कि मौत की सजा पाने वालों में दर्जनों बच्चे भी शामिल हैं और बच्चों, विरोधियों और राजनीतिक कैदियों सहित सैकड़ों लोगों की जान और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग करने वालों को मौत का खतरा है।
क्या विदेश मंत्री ने झूठ बोला?
इस संगठन ने अपनी रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया कि सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने, इस देश के अन्य अधिकारियों की तरह, क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के कथित सुधारों की सच्चाई छिपाने और मानवाधिकार के उल्लंघन पर पर्दा डालने के लिए अस्पष्ट शब्दों का प्रयोग किया है।
उन्होंने अपने बयान में केवल विभिन्न मूल्यों का सम्मान करने के महत्व और उचित मूल्य और कानूनी प्रणाली का पालन करने के देशों के अधिकार के बारे में बात की है। सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने बिन सलमान के कथित सुधारों की छाया में इस देश की मानवाधिकार स्थिति के बारे में कुछ भी नहीं कहा है।
इस संगठन के अनुसार, सऊदी अरब अपने हत्या अभियानों को जारी रखने और बोलने की स्वतंत्रता और अन्य बुनियादी स्वतंत्रता को रोकने के लिए गोपनीयता, आंतरिक मुद्दों और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने के बहाने और औचित्य का उपयोग करता है।
बिन सलमान का विजन 2030 और सऊदी अवाम
विदेश मंत्री भाषण में यह भी दावा किया गया कि सऊदी अरब मोहम्मद बिन सलमान के 2030 विकास विजन के माध्यम से “व्यापक मानवाधिकार” की अपनी अवधारणा को विकसित और विस्तारित करने के लिए उत्सुक है।
यह दावा विदेश मंत्री द्वारा ऐसी स्थिति में किया गया है कि जब इस विजन के कारण हज़ारों सऊदी नागरिकों को विस्थापित होना पड़ा है। जबरन विस्थापन उन मामलों में से एक है जो जेद्दा और अवामिया सहित सऊदी अरब के निवासियों के खिलाफ लागू किया गया है।
सऊदी अरब में महिलाओं की स्थिति
हालाँकि, सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने अपने भाषण में गैर-सरकारी संगठनों और मानवाधिकार संस्थानों की गतिविधियों के लिए कानूनी और वैधानिक वातावरण के विकास का उल्लेख किया था, लेकिन साक्ष्य बताते हैं बिन सलमान के कथित सुधारों की छाया में इस देश के कानून व्यवस्था में जो भी परिवर्तन और विकास हाल के वर्षों में हुए हैं उनमें मानवाधिकार उल्लंघन के पीड़ितों के लिए समर्थन की कमी साफ दिखाई देती है। एक प्रकार से कहा जा सकता है कि सुधार के नाम पर नियमों के साथ खिलवाड़ करके पीड़ितों का मखौल उड़ाया गया है।
विदेश मंत्री बिन फरहान ने महिलाओं के सशक्तिकरण और आप्रवासियों के अधिकारों और इन अधिकारों से संबंधित कानूनों के विकास का भी उल्लेख किया, जबकि हाल के वर्षों में हमने महिलाओं के अधिकारों का गंभीर उल्लंघन देखा है। जिसमें गिरफ्तारी, यातना, अनुचित परीक्षण, महिला कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार रक्षकों पर प्रतिबंध शामिल हैं।
कफाला क्या है?
विदेश मंत्री के आप्रवासियों के अधिकारों के कानून में सुधार लाने के बयान को इस संदर्भ में देखा जाना चाहिए कि बिन सलमान के कथित सुधारों के दावे के बावजूद इस देश में श्रमिकों की हत्या कर दी जाती है और कफाला जैसी असंवैधानिक प्रणाली अब भी जारी है। कफाला प्रक्रिया को संयुक्त राष्ट्र आधुनिक गुलामी का एक रूप मानता है।
अपने भाषण के दूसरे हिस्से में सऊदी अरब के विदेश मंत्री का दावा है कि देश ने मानवाधिकार के क्षेत्र में की गई 85% सिफ़ारिशों का पालन किया है। जब कि सऊदी यूरोपीय मानवाधिकार संगठन ने मानवाधिकार परिषद की बैठक में इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सऊदी अधिकारियों और प्रतिनिधिमंडल पर आंकड़ों में हेरफेर करने का आरोप लगाया है।
सऊदी अरब के विदेश मंत्री बिन फरहान ने गाजा पट्टी में फिलिस्तीनियों की विनाशकारी स्थिति का जिक्र करते हुए अपना भाषण समाप्त किया। जब सच्चाई यह है कि हम सऊदी शासन द्वारा देश में फिलिस्तीनियों के लिए किसी भी एकजुटता और समर्थन का दमन देख रहे हैं।
बिन सलमान के कथित सुधारों पर यूरोपीय सऊदी मानवाधिकार संगठन ने इस बात पर जोर दिया कि मानवाधिकार परिषद के उच्च-स्तरीय नेताओं की बैठक में सऊदी विदेश मंत्री का भाषण सऊदी अरब द्वारा अपनी छवि सुधारने और इस देश में मानवाधिकारों के उल्लंघन को कवर करने के बार-बार किए गए प्रयासों में से एक है।
संगठन का मानना है कि विदेश मंत्री के साथ-साथ इस देश के मानवाधिकार आयोग के प्रमुख, सऊदी अरब की एक ऐसी छवि पेश करने की कोशिश कर रहे हैं जो किसी भी तरह से बुनियादी नागरिकता अधिकारों के निष्पादन और वंचित होने पर आधारित सच्चाई के अनुरूप नहीं है।