एक इजरायली सैन्य पत्रकार के अनुसार, गाजा में युद्ध अपने आठवें सप्ताह में इजरायली सैनिकों के लिए कब्रिस्तान में बदलता जा रहा है।
जमीनी हमले से पहले भीणष बमबारी जिसमें हज़ारों महिलाओं और बच्चों की मौत हुई थी के बाद इजराइल की सेना ने बहुत सोच विचार करके गाजा में प्रवेश करने के लिए जमीनी अभियान शुरू किया, लेकिन अब कई सप्ताह बीत जाने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि इजरायली सेना प्रतिरोधी बलों के रणनीति के जाल में फंस गई है।
गाजा युद्ध पर इजरायली सैन्य पत्रकार की रिपोर्ट
रिहायशी इलाकों पर भीषण बमबारी और गोलाबारी से हुई व्यापक तबाही, जिसने गाजा के उत्तर और केंद्र में बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया, ने इजरायलियों के लिए रास्ता नहीं खोला जैसा कि उन्हें उम्मीद थी।
जैसे जैसे लड़ाई बढ़ रही है, इजरायली हताहतों की संख्या भी बढ़ती जाती है, और जैसे जैसे समय बीत रहा है, इजरायली सैनिक थक रहे हैं, और सहायता केंद्रों से दूर होते बल हलाहतों की संख्या लगातार बढ़ा रहे हैं। गाजा इस समय इजरायली सैनिकों के लिए कब्रिस्तान बनता जा रहा है।
ज़मनी युद्ध के सातवें सप्ताह तक हालांकि इजरायली सेना ने 132 सैनिकों के मारे जाने की बात स्वीकार की थी, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि इजरायली सैन्य पत्रकार अधिक यथार्थवादी और सच्चे हैं। यह युद्ध को लेकर आशावादी नहीं है, और उनका मानना है कि अगर युद्ध लंबा खिंचता है तो इसके लिए इजरायल की स्थिति अनुकूल नहीं है।
इजरायली सैन्य पत्रकार का मानना है कि युद्ध की प्रकृति और हताहतों की संख्या की सच्चाई को स्वीकार न करने के कारण सेंसरशिप बढ़ गई है, और अब हद यह है कि सैनिकों के परिवार वालों को भी इनके प्यारों की कम ही सूचना मिल पाती है। यह इजरायली सैन्य पत्रकार गाजा से सेना की वापसी पर जोर दे रहे हैं, क्योंकि वह अपनी आँखों से युद्ध की सच्चाई और हताहतो की संख्या को देख रहे हैं।
इजरायली समाचार पत्र का खुलासा
हिब्रू भाषा के समाचार पत्र हारेत्ज़ के सैन्य मामलों के विश्लेषक और प्रसिद्ध इजरायली सैन्य पत्रकार अमोस हारिएल, जिन्होंने पिछले कुछ हफ्तों में युद्धक्षेत्र की घटनाओं पर कई रिपोर्ट प्रकाशित की हैं, ने कहा: “यदि संघर्ष अपनी वर्तमान दर पर जारी रहता है, गाजा में मारे जाने वाले इजरायली सैनिकों की खबरों का सैलाब आ जाएगा, और इजरायली सेना को बड़ी संख्या में हताहतों और घायलों का सामना होगा।
इजरायली सैन्य पत्रकार का कहना है कि जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा, गाजा में अपने सैन्य अभियानों के लक्ष्यों को प्राप्त करने की सेना की क्षमता के बारे में संदेह पैदा होगा, और हमास के “विनाश” और कैदियों की वापसी के बारे में, इज़राइल के लिए खतरा बढ़ जाएगा।
अमोस हरियल का चौंकाने वाला खुलासा
इज़रायली सैन्य पत्रकार हैरियल के अनुसार, अगले महीने के दौरान गाजा में इज़रायली सैन्य अभियानों के पैटर्न में बदलाव की संभावना से गाजा पट्टी में जमीनी अभियानों के लिए घोषित लक्ष्यों को प्राप्त करने की संभावना पर संदेह पैदा हो जाएगा। जबकि प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य इस बात पर जोर देते हैं कि केवल निरंतर सैन्य दबाव ही आंदोलन को लचीलापन दिखाने के लिए मजबूर कर सकता है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि हमास मानने को तैयार नहीं है।
हरियल के अनुसार, हालाँकि “इजरायल” और संयुक्त राज्य अमेरिका ने यह युद्ध कितना लंबा चलेगा इस पर चल रही वार्ता का कोई विवरण नहीं दिया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि वार्ता में युद्ध के अगले चरण की शुरुआत के लिए एक समय सीमा निर्धारित की गई थी।
कब रुकेंगे गाजा पर इजरायल के हमले?
इस इजरायली सैन्य पत्रकार ने अपने लेख के अंत में यह भी लिखा कि यह जनवरी के मध्य में होने वाला है और उसके बाद गाजा में इजरायल के आक्रामक अभियान बदल जाएंगे और कम हो जाएंगे।
गाजा के खिलाफ युद्ध में इजरायली सैनिकों की बढ़ती हताहतों की संख्या ने युद्ध की प्रभावशीलता के बारे में संदेह पैदा कर दिया है और इसके लिए आंतरिक समर्थन के विश्लेषण को प्रेरित किया है।
गाजा पट्टी के अंदर जमीनी अभियानों का जारी रहना सैनिकों और सैन्य अधिकारियों की मौत की बुरी खबरों की निरंतरता से जुड़ा होगा।
निराश करने वाली जो सबसे बड़ी बात है वह यह है कि अपनी आप को दुनिया की एक शक्तिशाली सेना बताने और गाजा के विरुद्ध जमीनी अभियान शुरू करने के बाद अब भी यह सेना पहले की स्थिति में है, और ऐसा कुछ भी हासिल नहीं कर सकी है जिससे गाजा पट्टी में स्थिति को बदला जा सके।
हमास लड़ाके इजरायली सेना के लिए बने दुस्वप्न
एक इजरायली सैन्य पत्रकार ने गाजा शहर के पूर्व में अल-शुजाईया में प्रवेश करने वाली सेना की बटालियनों में से एक के कमांडर को के हवाले से लिखा: हालांकि सेना ने क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है, लेकिन उसके सैनिकों को लगता है कि हमास की क़सम बटालियन अपनी छुप सकने की क्षमता के कारण सेना को चारे तरफ़ से घेरे हुए हैं।
गाजा पट्टी के किसी क्षेत्र में इजरायली घुसपैठियों की लंबे समय तक मौजूदगी फिलिस्तीनी प्रतिरोध बलों को इसके प्रति सचेत बनाती है। घबराहट की स्थिति तब पैदा हो जाती है कि जब सेना कमांडर को भी यह लगता है कि हमास के लड़ाकों के साथ लड़ाई खत्म हो गई है और उनको समाप्त कर दिया गया है तभी अचानक कमस बटालियन एक बार फिर सामने आ जाती है और युद्ध शुरू कर देती है।