हर साल 8 मार्च को दुनिया भर के देश अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाते हैं। पिछले साल की तरह इस साल भी जहां अपने देशों और शहरों में महिला दिवस मना रहे हैं, वहीं गाजा पट्टी में महिलाएं बेहद कठिन और भयावह परिस्थितियों में रह रही हैं।
यह वह महिलाएं हैं जो पिछले 6 महीनों से इजरायल की तरफ़ से भयानक बमबारी के बीच अपने बच्चों की लाशें उठा रही हैं।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से ठीक पहले संयुक्त राष्ट्र ने एक प्रकाशित एक रिपोर्ट में गाजा पट्टी के खिलाफ ज़ायोनी शासन की निरंतर आक्रामकता और फिलिस्तीनी बच्चों एवं महिलाओं के नरसंहार के बीच गाजा में महिलाओं की पीड़ाओं का दस्तावेजीकरण किया है।
इस रिपोर्ट में जोर देकर कहा गया है कि इस युद्ध के कारण महिलाओं के अभूतपूर्व मृत्यु, विस्थापन और बेघर होने तथा बड़ी शारीरिक, मानसिक और मनोवैज्ञानिक चोटों का सामना करना पड़ा है।
इस रिपोर्ट के अनुसार, रिपोर्ट तैयार होने और प्रकाशित होने तक, गाजा पट्टी के विभिन्न शहरों में इजरायली शासन की सेनाओं द्वारा लगभग 9,000 फ़िलिस्तीनी महिलाओं को मार कर दिया गया है।
रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि बड़ी संख्या में फ़िलिस्तीनी महिलाओं के शव अभी भी मलबे के नीचे हैं और गाजा पट्टी में मारी जानी वाली महिलाओं की यह संख्या इस आंकड़े से कहीं अधिक है।
रिपोर्ट में कहा गया है: गाजा पट्टी में इजरायल द्वारा के युद्ध के जारी रखने के कारण, हर दिन 63 फ़िलिस्तीनी महिलाओं के मारे जाने की संभावना है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस और फिलिस्तीनी महिलाओं की स्थिति
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट बताती है कि युद्ध शुरू होने से पहले की अवधि की तुलना में गाजा पट्टी में प्रत्येक 5 फिलिस्तीनी महिलाओं में से 4 से अधिक (यानी, 84%) को केवल आधा भोजन या आधे से भी कम भोजन मिलता है।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट बताती है कि गाजा पट्टी में 5 में से 4 फिलिस्तीनी महिलाओं (यानी 84%) ने स्वीकार किया कि उनके परिवार के कम से कम एक सदस्य को कम से कम सप्ताह में एक दिन भूखा रहना पड़ता है ताकि परिवार को दूसरे सदस्यों के खाने के लिए पर्याप्त भोजन रहे।
इसके अलावा, रिपोर्ट इस बात पर जोर देती है कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से पहले 95% मामलों में इन महिलाओं ने कम से एक एक दिन भूखा रहना बर्दाष्त किया ताकि परिवार के बच्चों को खाना मिल सके।
यह भी पढ़ें इजरायली सैनिकों में मानसिक बीमारी और मनोवैज्ञानिक उपचार के लिए टीमों का गठन
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि गाजा की लगभग 2.3 मिलियन की आबादी को आने वाले हफ्तों में खाद्य असुरक्षा के गंभीर स्तर का सामना करना पड़ेगा। रिपोर्ट के अनुसार यह घाद्य असुरक्षा विश्व स्तर पर जारी असुरक्षा में सबसे भयानक होगी।
इस रिपोर्ट के अनुसार, गाजा पट्टी में 10 में से 9 महिलाओं (यानी 90%) को पुरुषों की तुलना में भोजन तैयार करने में अधिक समस्याओं और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और उन्हें मलबे के नीचे या कचरे के डिब्बे से भोजन खोजने और तैयार करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर गाजा पट्टी में फिलिस्तीनी महिलाओं की पीड़ा यहीं खत्म नहीं होती। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों और कुपोषण का शिकार हैं।
दूसरी तरफ़ बुजुर्ग महिलाएं अपनी शारीरिक स्थितियों के कारण भोजन वितरण केंद्रों पर नहीं जा सकती हैं और उन्हें अपना भोजन उपलब्ध कराने और तैयार करने में गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की रिपोर्ट के अनुसार, उम्मीद है कि मार्च में गाजा पट्टी में 5,500 से अधिक फिलिस्तीनी महिलाएं बच्चे को जन्म देंगी और उनमें से 840 महिलाओं को निस्संदेह प्रसव के बाद समस्याओं और जटिलताओं का सामना करना पड़ेगा।
फिलिस्तीनी अस्पतालों में इजरायल की तरफ़ से बिजली काट दिए जाने और ईंधन के समाप्त हो जाने के कारण गंभीर स्थिति वाली महिलाओं को स्वास्थ सुविधाएं मिल पाने और अपात स्थिति में उनके भर्ती किए जाने की संभावनाएं में निम्न स्तर पर हैं, जो उनके जीनव के खतरों को और बढ़ाता है।