हमास द्वारा शुरू किए गए अल-अक्सा तूफान ऑपरेशन ने एक महीने में इजरायल में अभूतपूर्व आर्थिक संकट पैदा कर दिया है।
अल-अक्सा तूफान ऑपरेशन के एक महीने से अधिक समय के बाद इजरायल की अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से पर्यटन और उत्पादन क्षेत्रों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है।
इस शासन के विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायल में अभूतपूर्व आर्थिक संकट जो पैदा हुआ है और देश जिस मंदी का सामना कर रहा है वह अपने आप मे अभूतपूर्व है।
हमास द्वारा शुरू किए गए अल-अक्सा तूफान ऑपरेशन ने एक महीने में इजरायल में अभूतपूर्व आर्थिक संकट पैदा कर दिया है। यह आर्थिक संकट गाजा युद्ध के सबसे स्पष्ट परिणामों में से एक है, जिससे शासन जूझ रहा है और अपने महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर इसके प्रभाव को लेकर चिंतित है।
आर्थिक क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को सेना में बुलावा
इस देश की कैबिनेट द्वारा इजरायल सेना के लिए 350,000 रिजर्व बलों के बुलावे के कारण इस देश में कार्यबल में 8% की कमी आई है। इजरायल के केंद्रीय सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा प्रकाशित एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि गाजा युद्ध के दौरान लगभग आधी इजरायली कंपनियों की आय में उल्लेखनीय कमी देखी गई है, और निर्माण और खाद्य सेवा क्षेत्रों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। इस युद्ध की शुरुआत के बाद से उनकी 70% आय कम हो गई है। अब तक के इतिहास को देखने से पता चलता है कि यह मंदी इजरायल में अभूतपूर्व आर्थिक संकट की बड़ी निशानी है, और देश का लगभग हर सेक्टर इस संकट से जूझ रहा है।
अल-अक्सा तूफान ऑपरेशन के बाद इजरायली कंपनियों की कमाई के सर्वेक्षण में भाग लेने वाली लगभग 11 प्रतिशत कंपनियों ने कहा कि उनके यहां काम करने वाले लगभग 21 प्रतिशत कामगारों को सेना में शामिल किया गया है। जानकारी से यह भी पता चलता है कि युद्ध के पहले सप्ताह में लगभग 1.3 मिलियन श्रमिक काम पर नहीं गए, दूसरे सप्ताह में 1.1 मिलियन श्रमिक और उनमें से लगभग 770 हजार श्रमिक युद्ध के तीसरे सप्ताह में काम पर नहीं गए।
साथ ही, गाजा युद्ध की शुरुआत के बाद से कई इजरायली निर्माण कार्यशालाओं की गतिविधि बंद कर दी गई है।
इजरायल में अभूतपूर्व आर्थिक संकट
हिब्रू भाषा की मीडिया ने बताया है कि युद्ध के पहले 3 हफ्तों के दौरान शेकेल (इजरायली मुद्रा) का मूल्य भी 6% कम हो गया।
हिब्रू अखबार “पोर्टज़ पोर्ट” ने एक रिपोर्ट में लिखा है कि युद्ध के पहले 3 हफ्तों के दौरान गाजा युद्ध की प्रत्यक्ष लागत इजरायली अर्थव्यवस्था के लिए 11.1 बिलियन शेकेल आंकी गई थी।
इस रिपोर्ट में गाजा युद्ध की शुरुआत और दक्षिणी और उत्तरी इजरायली बस्तियों को खाली कराने के बाद इजरायल की आर्थिक गतिविधियों को हुए नुकसान की ओर इशारा किया गया और कहा गया कि इस युद्ध के कारण शेकेल के मूल्य में कमी आई, कारखानों को सीधा नुकसान हुआ और विदेशी निवेश और कारोबार में मंदी आई है।
याद रहे कि इजरायल में अभूतपूर्व आर्थिक संकट का आंकलन करते हुए युद्ध के पहले 3 हफ्तों में उत्पादन और आयात क्षेत्रों और विभिन्न क्षेत्रों में अपनी गतिविधियों को बंद करने वाले कर्मचारियों को अप्रत्यक्ष क्षति को ध्यान में नहीं रखा गया है। अगर इन चीज़ों को भी आंकलन में जोड़ दिया जाए तो इजरायल का यह आर्थिक संकट और बड़ा व अभूतपूर्व हो जाता है।
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ग्लोब्स अखबार ने भी एक रिपोर्ट में घोषणा की कि अनुमान है कि इस साल कर राजस्व में 50% की कमी आएगी। यह भी आशंका है कि अगर गाजा में युद्ध बढ़ा और फैला तो इजराइल में रियल एस्टेट सेक्टर में इस साल आई बड़ी मंदी और भी गंभीर और विकराल हो जाएगी।
इजरायल में अभूतपूर्व आर्थिक संकट की भयावहता का उल्लेख करते हुए यह मीडिया इज़राइल टैक्स प्रशासन की जानकारी की ओर इशारा करता है और उस पर ज़ोर देता है, उम्मीद है कि रियल एस्टेट और कृषि के क्षेत्र से आने वाले टैक्स राजस्व में भी भारी कमी आएगी, क्योंकि इस समय इजरायल में इन क्षेत्र में निवेश की इच्छा निवेशकों में दिखाई नहीं देती है।
पर्यटन क्षेत्र का पतन और इजरायल में अभूतपूर्व आर्थिक संकट
हिब्रू अखबार हारेत्ज़ ने लिखा है कि गाजा युद्ध के परिणामस्वरूप इजरायल में अभूतपूर्व आर्थिक संकट पैदा होगा और इस देश की अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान होगा; क्योंकि पर्यटन ठप है और दक्षिण में आर्थिक गतिविधियां भी ठप्प हैं। साथ ही सेना के इजरायल के खर्चों में अभूतपूर्व वृद्धि का भी जिक्र किया जाना चाहिए। इसके अलावा, कई कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं और बड़ी संख्या में लोगों को रिजर्व बल के रूप में सेना में बुला लिया गया है।
बेंजामिन नेतन्याहू की चरमपंथी कैबिनेट के सत्ता संभालने के बाद आंतरिक राजनीतिक संघर्षों के कारण अल-अक्सा तूफान ऑपरेशन से पहले से ही इजरायली अर्थव्यवस्था डांवाडोल स्थिति में थी, और नेतन्याहू कैबिनेट द्वारा अनुमोदित न्यायिक परिवर्तन योजना की घोषणा के बाद, कई कंपनियों और निवेशकों ने इजरायल छोड़कर अमेरिका और यूरोप में शरण ले ली थी।
इज़रायली आर्थिक विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस वर्ष शासन का बजट घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 1.5% या कम से कम 27 बिलियन शेकेल के बराबर होगा, जो अक्टूबर 1973 के युद्ध के बाद से इज़रायल के लिए सबसे बड़ा नुकसान है, इसलिए इसको ऐतिहासिक रूप से इजरायल में अभूतपूर्व आर्थिक संकट कहा जा सकता है।
विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि संघर्षों के जारी रहने और इसके दायरे के विस्तार से मुद्रास्फीति दर में वृद्धि होगी और उत्पादन गतिविधियां लगभग ठप हो जाएंगी और फिर माल की आपूर्ति कम हो जाएगी, जिससे इजरायल के घरेलू उद्योग को नुकसान होगा। महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे, विशेष रूप से गैस, में नुकसान से बिजली की कीमतों में वृद्धि होगी। सेवा क्षेत्र को नुकसान पहुंचाने इस सभी कारणों के साथ साथ सैन्य संघर्ष अंततः मुद्रास्फीति में वृद्धि का कारण बनेंगे और इजरायल में अभूतपूर्व आर्थिक संकट को और विकराल बनाएंगे।
इजरायल का पर्यटन क्षेत्र, जो शासन के सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इजरायलियों के लिए कई नौकरियां पैदा करता है, को गाजा युद्ध से सबसे अधिक नुकसान हुआ है।
इजरायली आर्थिक विश्लेषकों का कहना है कि चूंकि इजरायल के राजनीतिक और सैन्य नेताओं का मानना है कि युद्ध लंबा चलेगा, इसलिए आर्थिक नुकसान काफी बढ़ने की आशंका है, खासकर पर्यटन क्षेत्र में।
शेयर बाज़ार धरायशी
अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने भी पहली बार इजरायल को डाउनग्रेड करने की चेतावनी दी है। 7 अक्टूबर के बाद से, इज़रायली शेयरों का प्रदर्शन दुनिया में सबसे खराब रहा है। तेल अवीव स्टॉक एक्सचेंज में 16 प्रतिशत या 25 बिलियन डॉलर की गिरावट आई है। जेपी मॉर्गन बैंक का अनुमान है कि इस साल की इस तिमाही में इजरायली अर्थव्यवस्था में 11% की मंदी आएगी।
ये आकलन बताते हैं कि इजरायल की अर्थव्यवस्था का 1.5 फीसदी हिस्सा गाजा युद्ध पर खर्च हो रहा है। इजरायल के वित्त मंत्रालय ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि अगर गाजा में युद्ध जारी रहा तो इस साल और अगले साल के बाकी महीनों में इजराइली अर्थव्यवस्था को भारी मंदी का सामना करना पड़ेगा, और अगर युद्ध कई मोर्चों पर फैलता है तो स्थिति और खराब हो जाएगी।
इज़राइल के वित्त मंत्रालय के अनुसार, यदि युद्ध एक वर्ष तक जारी रहता है या यदि यह गाजा पट्टी के अलावा अन्य क्षेत्रों में फैलता है, तो अगली तिमाही में आर्थिक ठहराव की संभावना बहुत अधिक है, और यह चिंता बनी हुई है।
और चिंता का विषय यह है कि अगर यह युद्ध जारी रहता है तो 1.8 मिलियन श्रमिक हैं, जो इजरायल श्रम बाजार का 41% हैं बेरोजगार हो जाएंगे और यह पहले से अभूतपूर्व आर्थिक संकट से जूझ रही इजरायली अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका होगा।
अल-अक्सा युद्ध को एक महीने से अधिक समय बीत चुका है, इजरायल के लिए इस युद्ध के भारी आर्थिक नुकसान दिन-ब-दिन अधिक स्पष्ट होते जा रहे हैं। पिछले हफ्ते, इजरायली सूत्रों ने गाजा के साथ मौजूदा युद्ध के लंबे समय तक चलने की भविष्यवाणी करते हुए, इस शासन की अर्थव्यवस्था पर अल-अक्सा तूफान ऑपरेशन के भारी और दीर्घकालिक परिणामों की ओर इशारा किया और घोषणा की कि यह युद्ध इजरायल में अभूतपूर्व आर्थिक संकट पैदा करते हुए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष युद्ध लगभग इजराइलियों को 38 अरब डॉलर का नुकसान पहुँचाएगा